राहे जिंदगी
तकलीफें तो बहुत है राहे जिंदगी में
पर यूँ ही नही कोई साथ छोड़ देता है
बिना कुछ कहे बिना कुछ सुने
अचानक अपनो का हाथ छोड़ देता है
ना जाने कितने सपनो को
अभी पंख लगाना बाकी था
अभी कितने फर्ज निभाने थे
और कर्ज चुकाना बाकी था
कितनी खुशियाँ अभी आनी थी
और गम कितने पी जाने थे
कभी छोटी छोटी हसरते थी
अब बड़े बड़े सब सपने थे
कितनो के सच भी होते है
और कितने टूट भी जाते है
नित नए नए सपने बुनकर
सब जीवन जीते जाते है
علما
27-Jan-2021 09:58 AM
Good line payal. 🥰
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Author Pawan saxena
27-Jan-2021 09:05 AM
Best line .. 👍👍
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Khushh
25-Jan-2021 10:48 PM
kafi acha likha hai
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